रविवार, 7 दिसंबर 2025

व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी [ व्यंग्य ]

 716/2025 

 

 ©व्यंग्यकार

 डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्' 

 'ह्वाट्सएप यूनिवर्सिटी' का नाम भला कौन नहीं जानता।इससे जुड़ने के लिए किसी न्यूनतम योग्यता की भी कोई आवश्यकता नहीं है। इसमें काला अक्षर भैंस बराबर से लेकर पी एच. डी. ; डि. लिट्. होल्डर, मंत्री,संतरी, क्लर्क, अधिकारी,आई ए एस, आई पी एस,नर -नारी, चोर डाकू ,ब्रह्मचारी, विवाहित या कुँवारी,समर्थवान या बेचारी,उद्योगपति या बेगारी,चमचे,भगौने, नकद ले रहे या खा रहे उधारी :सभी का समान अस्तित्व है , समान अधिकार है।कोई भी किसी से कम नहीं है। यहाँ ज्ञान लेने का नहीं ,ज्ञान बाँटने का काम रात -दिन, चौबीसों घण्टे, सातों दिन और बारहों मास किया जाता है। हाँ,इतना अवश्य है कि यदि आप ज्ञान पिपासु हैं और ज्ञान जिज्ञासु हैं, तो आप वह भी बखूबी पा सकते हैं। पर इस यूनिवर्सिटी में मुख्य काम ज्ञान बाँटने का ही होता है। लेना कोई भी नहीं चाहता,सब के सब बाँट रहे हैं। किसी दूसरे की जूठी पत्तलें चाट रहे हैं।

 देश दुनिया ज्ञान के अपार सागर से लबलबा रही है।यहाँ चौर्य कर्म जायज है,यहाँ कुछ भी नहीं नाजायज है। इधर काटो उधर चिपकाओ ,इधर से कॉपी करो और उधर गपकाओ। और तो और अपना नाम भी चमकाओ। किसी दूसरे की रचना पर लोग अपना नाम जोड़कर लोग विद्वान बने हुए हैं। कवि कवयित्री बने हुए हैं। इतने बड़े विश्व में कौन किसे देख रहा है,कि उसका माल कहीं और एक्पोर्ट किया जा रहा है। कोई सजा नहीं। मजा ही मजा है।

 सबसे बड़े आश्चर्य की बात तो ये है कि लोग बड़े- बड़े पदों पर रहते हुए व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी के छात्र बन जाते हैं और मजा कर रहे हैं। यहाँ सभी रसों का स्वाद एक ही मंच पर मिल रहा है। हास्य,शृंगार, वीर, भयानक,वीभत्स, रौद्र, अद्भुत,वात्सल्य,शांत या भ्रांत अन्ततः कौन सा रस है ,जो यहाँ सुलभ नहीं है। जिसकी जैसी रुचि है,वह वही रस खोज लेता है। इतिहास,भूगोल, काव्य,साहित्य,ज्योतिष, खगोल शास्त्र, भौतिकी, रसायन विज्ञान,जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, कृषि विज्ञान,आतंकवाद, समाजवाद, अध्यात्मवाद, धर्म,अहिंसा ,चौर्य, काला धनार्जन, नेतागीरी, दादागीरी ; क्या कुछ नहीं है इस यूनिवर्सिटी में। यदि कहीं दुनिया में कहीं कुछ है ,तो वह यहाँ पर विद्यमान हैं।यदि यहाँ नहीं है ,तो धरती पर भी वह कहीं नहीं है। व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी 'ऑल इन वन' है। समुद्र का तो किनारा भी है,यह तो अनन्त आकाश है ,जिसका कहीं कोई ओर है न छोर। कभी नहीं होती यहाँ रात,सदा रहता है यहाँ भोर। कभी किया है क्या आपने इस बात पर गौर ? यहाँ महाचोर को भी कोई कहता नहीं है चोर।मेहनत कोई करता है और मजा और नाम कोई और लूटता है। न किसी पर अदालत लगती है और न कोई और न कोई अपराधी ही होता है। बस इसी तरह चल रही है यह यूनिवर्सिटी। और बड़े धड़ल्ले से चल नहीं, दौड़ रही है। 

 मुझे पता है कि आपने भी इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले रखा है। मैंने भी लिया है,तभी तो मैं इसके सब हमजोलियों को पहचानता हूँ। और सभी का बड़ा सम्मान करता हूँ ,क्योंकि वे मेरे ही तो सहपाठी हैं, हमजोली हैं, सहयात्री हैं। यात्रा में सहयात्रियों से मेल जोल बनाए रखने से सफ़र आसान हो जाता है। आप सब की तरह मैं भी इसका एक अदना सा विद्यार्थी हूँ। 

 व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में अनेक डिपार्टमेंट हैं। इसमें ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है कि आप किस डिपार्टमेंट के विद्यार्थी हो सकते हैं। मैं स्वयं कभी विभागों में ज्ञान बाँटता और बटोरता हूँ।आप भी ऐसा ही करते होंगे,इसका मुझे पूरा भरोसा है। यह यूनिवर्सिटी ही ऐसी है कि एक विभाग से काम नहीं चलता , जब देखते हैं बहु विभाग तो मन स्वतः ही मचलता। और उधर हमारे संगी साथी स्वयं खींच ले जाते हैं कि आओ इधर भी ज्ञान बीज वपन कराओ ,कुछ अपना बताओ कुछ हमसे लिए जाओ। 

 साहित्य और कवियों के विभागों की कोई कमी नहीं है। एक- एक कवि या रचनाकार अनेक मंचों पर धमाल कर रहा है।अपनी कविताई से कमाल कर रहा है।कहीं रुमाल की धोती और कहीं धोती का रूमाल कर रहा है। ये व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी जो है, यहां ऐसा कोई सख्त प्रतिबंध नहीं है। सब स्वतंत्र हैं। सब अपने -अपने चला रहे मंत्र हैं। व्हट्सऐपियों का एक ऐसा जटिल तंत्र है, कि यहाँ सच्चे अर्थों में पसरा हुआ गणतंत्र है।आप किसी की खिड़की में ताक झाँक करें,कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। जो यहाँ हो जाए,वह सोलह आने सही है। यहाँ कोई किसी से न्यून विद्वान नहीं है। गाय और शेर ,चोर और सिपाही, मंत्री और अधिकारी ,साँप और चूहे, मोर और साँप ;सभी के सभी एक ही नाव पर सवार हैं।ये स्वयं में दूरदर्शन हैं और दैनिक अखबार हैं। एक और खास बात यह है कि इस यूनिवर्सिटी में कभी दीक्षांत समारोह नहीं होता,क्योंकि इस अनन्त ज्ञान के आकाश में कभी ज्ञान का अंत ही नहीं होता। बस अतृप्त भाव से सब अपने में मगन हैं, क्योंकि सबकी इसके छात्र होने की बड़ी लगन है।

 शुभमस्तु ! 

 07.12.2025● 9.00आ०मा०

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