रविवार, 29 जून 2025

शयन कक्ष को क्यों छितराया? [बालगीत]

 303/ 2025




©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


अतिथि  कक्ष  को   खूब   सजाया।

शयन कक्ष   को   क्यों  छितराया??


चित्र     कलेंडर      खूब     सजाए।

सोफा     सेट     सजा    लगवाए।।

अतिथि  कक्ष  सबको    ही  भाया।

शयन कक्ष   को   क्यों छितराया ??


शयन   कक्ष   में     कपड़े    बिखरे।

मुड़े-तुड़े        या       मैले    सुथरे।।

कहीं    सफाई       कहीं     सफाया।

शयन कक्ष   को   क्यों  छितराया??


पूरे   घर      की      महिमा    जानें।

एक   समान   सभी     को    मानें।।

समझें      उनको     नहीं   पराया।

शयन  कक्ष  को क्यों   छितराया??


खूँटी     पर    सब   कपड़े    टाँगें।

कोई   नहीं    किसी     से   माँगें।।

अलमारी     में     उन्हें     सजाया।

शयन  कक्ष  को क्यों  छितराया??


आगंतुक     आए     क्या     सोचे।

बाल     शीश    के   अपने   नोंचे।।

रहे   स्वच्छता    का    ही    साया।

शयन कक्ष   को   क्यों छितराया??


शुभमस्तु !


29.06.2025●5.45 आ०मा०

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