मंगलवार, 24 जून 2025

पतिघातिन [अतुकांतिका]

 258/2025

              

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


पतिघातिनों का नाम भी

अब पाप है,

क्या खोज पाओगे कहीं

सावित्रियाँ?

झूठ करवा चौथ का

व्रत आज है!


वासना को प्रेम कहतीं

कुलच्छिनी! पतिहंतिनी !!

छद्मता कब तक छिपेगी

आतंक का बाजार 

अब लगने लगा।


गुल खिलातीं

आधुनिक ये छोरियाँ

विश्वास के क़ाबिल नहीं हैं

लेश भर,

अनृत माया चपलता

दयाहीना

क्या कुछ नहीं 

अविवेक की भंडार 

अशौची भी सदा।


तालाब की ये मछलियाँ

जो ज्यादा उछलतीं

चरित्र को लेकर 

हथेली में 

मचलतीं।


सवधान हो जाओ

विवाहेच्छुक युवाओ!

प्राण अपने खुद बचाओ

चुड़ैलों के चंगुलों से

अन्यथा खा मात जाओ।


शुभमस्तु !


12.06.2025●8.30प०मा०

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