रविवार, 29 जून 2025

इतना भी बालक मत जानें [बालगीत]

 311 /2025




©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्


इतना    भी     बालक   मत   जानें।

राजनीति    हम      भी    पहचानें।।


राजनीति     में        नेता      होते।

अश्व   छोड़कर     चढ़ते     खोते।।

उन्हें    न   अपना    नायक   मानें।

इतना  भी  बालक    मत    जानें।।


थाने  में    रिकार्ड     मिल   जाता।

कल  का   वह   नेता   कहलाता।।

अलग     तोड़ते     अपनी    तानें।

इतना  भी   बालक   मत    जानें।।


नेताओं     की       करें     सफाई।

सुखी    रहें    तब  लोग -  लुगाई।।

इन्हें    स्वच्छ   करने   की    ठानें।

इतना  भी  बालक     मत  जानें।।


इनसे     कोई     कर्म   न      छूटे।

नेता   ही   जनगण      को    लूटे।।

बैठें     एक      संग      रम   छानें।

इतना  भी   बालक    मत    जानें।।


राजनीति     जब    स्वच्छ  रहेगी।

तभी  त्रिपथगा     सहज   बहेगी।।

नेता    हैं    सब    कोल    खदानें।

इतना भी    बालक    मत   जानें।।


शुभमस्तु !


29.06.2025●12.15 प०मा०

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