305 /2025
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
विद्यालय भविष्य - निर्माता।
मुझको बहुत - बहुत ही भाता।।
विद्यालय के गुरुजन अपने।
करते हैं पूरित मम सपने।।
बिना किसी नागा मैं जाता।
विद्यालय भविष्य - निर्माता।।
हम विद्यालय स्वच्छ बनाएँ।
रोपें पौध लताएँ छाएँ।।
सुंदर बनता और सुहाता।
विद्यालय भविष्य - निर्माता।।
नहीं करें दीवारें मैली।
पॉलीथिन की रखें न थैली।।
टिफ़िन बॉक्स में भोजन लाता।
विद्यालय भविष्य - निर्माता।।
तोड़ें फूल न तोड़ें डाली।
शोभा सुरभित रहे निराली।।
बैठ घास पर हर्ष मनाता।
विद्यालय भविष्य - निर्माता।।
मिलजुल कर हम इसे बचाएँ।
रक्षा में सब हाथ बँटाएँ।।
सदा स्वच्छ परिवेश सुहाता।
विद्यालय भविष्य - निर्माता।।
शुभमस्तु !
29.06.2025●6.45आ०मा०
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