रविवार, 1 जून 2025

सत्य पर रहें डटे [सजल ]

 233/2025

             

समांत        : अटे

पदांत         :अपदांत

मात्राभार     :14

मात्रा पतन   :शून्य


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


न   हो   परस्पर    कटे -  कटे।

बिना    संगठन     रहो    घटे।।


मेल   एकता     प्रिय    संवाद।

सिखलाते  सत  से    न   हटे।।


विमुख  सनातन   से   मत  हो।

उचित  नहीं  है    मनुज    बटे।।


करनी  पर     ही    देना  ध्यान।

रहो    सभी     नर   साथ  सटे।।


दृढ़      संकल्प    रहे    मन   में।

चमको   जग  में     छटे -  छटे।।


कथनी     करनी    एक      रहें।

पल को भी    मन   क्यों  उचटे ।।


'शुभम्'   अहं   का    त्याग करें।

रहो    सत्य      पर   सदा   डटे।।


शुभमस्तु !


19.05.2025● 5.15आ०मा०

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