243/2025
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
आस्तीन में छिपे हुए जो
नाग करें खिलवाड़।
'ज्योति' अँधेरा लेकर आई
चीन पाक में ऐश
सिंगापुर या अरब देश में
करे इश्क अतिलेश
दानिश को दिल दान कर दिया
ढूँढ़ रही है आड़।
हिंदू ही हिंदू का दुश्मन
भले जले ये देश
सोना यार मिले धन दौलत
महकें इनके केश
झोंक दिया है हिंद देश ये
धधक रहा है भाड़।
देशद्रोहियों को कर बाहर
करना है खुशहाल
रक्त बहाते सैनिक अपने
इधर चमकते गाल
गिन-गिन कर इनको न छोड़ना
देना पूर्ण उजाड़।
शुभमस्तु !
28.05.2025● 12.30 प०मा०
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