सोमवार, 30 जून 2025

बूँद -बूँद की एक कहानी [बालगीत]

 317/ 2025

     

  


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


बूँद   -  बूँद    की     एक    कहानी।

कड़वी     है    पर     पड़े   बतानी।।


भ्रष्ट     आचरण   जो     कहलाया।

रग - रग में   मानव    की    छाया।।

कौन    नहीं     नर -  नारी   कानी।

बूँद - बूँद    की    एक      कहानी।।


बाबू     या        अधिकारी     नेता।

कौन    नहीं    है    रिश्वत     लेता।।

लिखी   हुई    है     सुनो    जुबानी।

बूँद -बूँद    की       एक    कहानी।।


करे    मिलावट       मूँछ      उठाए।

बिना  न    इसके   काम    चलाए।।

ऊपर   की     इनकम    है    लानी।

बूँद -    बूँद     की  एक    कहानी।।


जिसे  न   अवसर    मिलता  कोई।

श्वेत    वही   बस    चादर     धोई।।

बिना न    इसके      बचती   नानी।

बूँद -  बूँद    की    एक     कहानी।।


आओ   स्वच्छ   देश   को   करना।

नहीं    भ्रष्टता    के    रँग   भरना।।

काटें    वही      मूँछ     जो    तानी।

बूँद - बूँद   की     एक     कहानी।।


शुभमस्तु !


30.06.2025●5.15आ०मा०

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