शुक्रवार, 27 जून 2025

पानी को यों व्यर्थ न करना [बालगीत ]


291/ 2025

 


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


पानी   को   यों   व्यर्थ   न   करना।

पड़े     जरूरत     उतना    भरना।।


सूखे    कूप   न     नल   में   पानी।

इनकी     बीती    हुई      कहानी।।

बचे   हुए    सर     सरिता   झरना।

पानी  को   यों   व्यर्थ   न   करना।।


पीते      कम      फैलाते     ज्यादा।

लगता    अच्छा      नहीं     इरादा।।

पानी   बिना    न    जीवन    तरना।

पानी  को   यों   व्यर्थ    न  करना।।


सब   मर्सीबिल     चला    रहे    हैं।

बेमतलब    जल    बहा   रहे    हैं।।

भैंस    लोरतीं     खुला     विचरना।

पानी   को   यों   व्यर्थ   न  करना।।


बोतल     में     पीते     हो    पानी।

भूल    गए    क्या   बात   पुरानी।।

पानी   बिना  न      जीवन   हरना।

पानी   को   यों   व्यर्थ   न  करना।।


बूँद -  बूँद    की     कीमत   होती।

मानव  जाति  बिना   जल   रोती।।

भावी से   क्या   तुम्हें   न  डरना ??

पानी    को    यों   व्यर्थ न करना।।


शुभमस्तु !


27.06.2025●11.30आ०मा०

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[1:54 pm, 27/6/2025] DR  BHAGWAT SWAROOP: 

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