512/2025
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
कुत्तावादी
और विवादी
दो ग्रुप में बंट गया आदमी।
इधर जान से
प्यारा जिनको
सुनना नहीं एक चाहें
निर्णय को
दुत्कार रहे वे
अपनी अलग बना राहें
बेजुबान का
शुभचिंतक बन
कुत्ते से सट गया आदमी।
परिजन से भी
अधिक प्रेम से
जहाँ पले प्यारे कुत्ते
सेवा मात-पिता
से ज्यादा
पाते हैं वे अलबत्ते
उनको क्यों
बर्दाश्त फैसला
कहता अब घट गया आदमी।
छूना भी
स्वीकार नहीं है
कुत्ते का जिस आदम को
कैसे अंगीकार
करेंगे
निर्णय जज का जाजम सो
है सुप्रीम
आदेश कोर्ट का
निर्णय से पिट गया आदमी।
शुभमस्तु !
06.09.2025● 3.45आ०मा०
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