502/2025
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
हम कुत्तों का वंश
मिटाने की
अच्छी साजिश है
आदमी की !
इनकी
नसबंदी कर दो
शैल्टर होम में
भर दो
खुद ही
मर जाएँगे
लड़- लड़ कर।
किसी पर
कोई दोष भी नहीं
आएगा,
इनका कुत्ता- संघ
विफल हो जाएगा,
फिर कोई कुत्ता
सुप्रीम कोर्ट तो नहीं
जाएगा।
अंततः
आदमी आदमी है
और कुत्ता कुत्ता है,
आदमी से टकराएगा
भला उसका
क्या बूता है?
अब न कोई कुत्ता
आदमी को
काट पाएगा,
न होगा रेबीज़
न इंजेक्सगन
लगवाएगा।
चिल्लाते रहें
कुत्तों के हमदर्द
भौंक -भौंक कर
स्वतः शांत
हो जाएंगे,
जब कुत्ते पैदा
ही नहीं होंगे
तो काटने
क्यों आएँगे !
शुभमस्तु !
04.09.2025● 3.00प०मा०
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