521/2025
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
प्रबल नासिका-शक्ति हमारी
जासूसी के दावेदार।
मानव ने
पहचान लिया है
शक्ति हमारी का उपयोग
लगा दिया तब
गुप्तचरी में
किया श्वान का ही उपभोग
वैसे क्या हम लगते उसके
कोई पिछले नातेदार?
बारह - बारह मील
दूर से
पहचानें हम गंध -सुगंध
गलत नहीं हो
जाँच हमारी
उड़े तेज कोई दुर्गंध
भुना रहा है
जासूसी दल
हमसे ही करता इकरार।
कमजोरी या
शक्ति हमारी
घ्राण शक्ति में रहती है
सत्य मानता
बात हमारी
जो कुछ जन से कहती है
शोध किया
मानव ने हम पर
हम कुत्ते ही तेज तरार।
शुभमस्तु !
06.09.2025●11.15आ०मा०
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