शुक्रवार, 5 सितंबर 2025

प्रश्न ये कुत्तात्व का है! [ नवगीत ]

 507/2025


 


©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


प्रश्न ये 

कुत्तात्व का है।


कौन कितना

बन सका है

आज कुत्ता

उग सका

ये काठ पर

ज्यों कुकुरमुत्ता

आदमियत से

दूर कितना जा सका है!


साथ जिसके

रात-दिन रह

जी रहा है

जंजीर में

उसकी बँधा

रस पी रहा है

सु गुण कुत्ते का

भला क्या पा सका है!


वफ़ादारी

आ गई ?

 हमको बताना

सीख लें

तुमसे हुनर

कुछ तो  जताना

मेवा खिलाता

श्वान को

क्या खा सका है!


शुभमस्तु !


05.09.2025●9.00 आ०मा०

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