रविवार, 7 सितंबर 2025

कुत्ते से तुम भी कुछ सीखो [ नवगीत ]

 531/2025




©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


कुत्ते से तुम भी

कुछ सीखो

पढ़ने वालो।


धनिकों ने 

सीखा श्वानों से

सैर सुबह  की बहुत जरूरी

सीखो छात्र 

जागरण तुम भी

जब तक हो न सु शिक्षा पूरी

प्रगति पंथ पर

मित्र अहर्निश

बढ़ने वालो।


वर्तमान पीढ़ी 

 श्वानों से 

सीख चुकी है मूत्र -विसर्जन

खड़े -खड़े ही

करो श्वानवत

रोक-टोक ना कोई वर्जन

विश्व गुरू

हिमगिरि के ऊपर

चढ़ने वालो।


नई युवतियाँ

वस्त्र छोड़कर

आईं बाहर

निर्वसना हैं

बनी आधुनिक

मादा  नाहर

और बहुत कुछ

आया हिस्से 

अड़ने वालो।


शुभमस्तु !

07.09.2025●9.30 आ०मा०

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