501/2025
कुत्ता - संघ बनाएँगे
[ नवगीत ]
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
बात गई
सुप्रीम कोर्ट तक
कुत्ता -संघ बनाएँगे।
शुभचिंतक
अपने भी कुछ हैं
उनकी नहीं सुनी जाए
नहीं समझते
कुत्ता-भाषा
नहीं बात हम कह पाए
सुना दिया
फ़रमान जजों ने
हम भी तथ्य बताएँगे।
आश्रय स्थल
कहाँ बने हैं
जिनमें हमको रहना है
आजादी
छिन गई हमारी
हमें कष्ट ही सहना है
हे भगवान
पाप क्या अपना
जो हम भीतर जाएँगे।
नसबंदी तो
एक चाल है
वंश मिटेगा श्वानों का
क्वार मास
होगी बहार क्या
गला घुटे अरमानों का
कुत्ता एक
वकील बनेगा
उससे ही लड़वाएँगे।
शुभमस्तु !
04.09.2025● 12.15 प०मा०
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