मंगलवार, 26 अगस्त 2025

नैतिकता का लगा हुआ पण [ गीतिका ]

 470/2025




©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


दिखते  नहीं   शुभद    अब  लक्षण।

नैतिकता    का  लगा   हुआ  पण।।


हिंसक    हुए     देश    दुनिया  के,

एक   नहीं   अनगिनती     रावण।


धन  अर्जन  की     होड़    लगी   है,

नहीं    शेष    है   अब   आकर्षण।


ट्रम्प     समझता      शहंशाह    मैं,

मैं   पहाड़    भारत है     लघु  तृण।


कौन  बचाए     किसको    कितना,

परेशान  है    जग    का   जनगण।


देखें     जिधर   उधर    ही  ज्वाला,

दहक  उठा है  मन  का कण-कण।


'शुभम्'  श्याम  आओ  अवनी  पर,

आवश्यक है    कृष्ण  - अवतरण।


शुभमस्तु !


25.08.2025●3.00आ०मा०

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