शनिवार, 16 अगस्त 2025

सच सुना जाता नहीं है [ नवगीत ]

 435/2025

   

       

©शब्दकार

डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'


सत्य कानों से 

सुना जाता नहीं है।


प्रिय लगे

सबको प्रशंसा

झूठ हो तो और मीठी

सत्य में है

कटु करेला

बात की भी सार सीठी

चुन रहे सब

झूठ को ही

सच चुना जाता नहीं है।


झूठ उड़ता 

यान में नभ

सत्य के पग में फफोले

झूठ ओढ़े

मखमली पट

सत्य के तन पर झिंगोले

झूठ मुस्काता

सुमन-सा 

सच बुना जाता नहीं है।


सिद्ध करना

सत्य को ही

है कठिन दुर्लभ बड़ा ही

झूठ को

है मान्यता हर

हो भले अघ का घड़ा ही

सत्य की है

हार जग में

झूठ मर जाता नहीं है।


शुभमस्तु !


16.08.2025●1.45प०मा०

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