499/2025
©शब्दकार
डॉ.भगवत स्वरूप 'शुभम्'
कुत्ता कहन
बन गया गाली।
कौन कहे
यह हमको भाता
जब कुत्ता
कह- कह गरियाता
नहीं पीटते
तब हम ताली।
कहे मनुज को
मानव कुत्ता
नहीं सुहाता है
अलबत्ता
मानव की यह
भरी दुनाली।
ए कुत्ते
कुत्ते के पिल्ले
जोड़ बात में
ये दुमछल्ले
उठी
सामने से ज्यों थाली।
शुभमस्तु !
04.09.2025●10.45 आ०मा०
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